Added by Dr.Prachi Singh on October 30, 2016 at 11:12am — 3 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on September 4, 2016 at 2:30pm — 6 Comments
बरसो तुम जीभर मरुथल में, अब खुद को बादल होने दो।
अपनी एक छुअन से मेरा पोर-पोर संदल होने दो।
जब खुशियों की सेज बिछी थी
तब आँखों में स्वप्न भिन्न थे,
रूठे-रूठे से हम थे या-
सौभागों के पृष्ठ खिन्न थे,
वक्र चाल हर तिरछे ग्रह की अब बिल्कुल निष्फल होने दो। अपनी एक....
अपनी-अपनी ज़िद को पकड़े
तन्हाई से खूब लड़े हैं,
लहरों की आवाजाही बिन
तट दोनों खामोश पड़े हैं,
पानी में कुछ तो हलचल हो, लहरें अब चंचल होने दो। अपनी एक....…
Added by Dr.Prachi Singh on May 7, 2016 at 5:30am — 4 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 27, 2016 at 2:15pm — 7 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 25, 2016 at 10:28am — 9 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 22, 2016 at 11:44am — 6 Comments
2212,121,122,1212
पल में हुई मैं खुद से पराई कुछ इस तरह
थामी उन्होंने हाय! कलाई कुछ इस तरह
नस-नस में सिहरने हैं, निगाहों में है सुरूर
साँसों में उनकी याद समाई कुछ इस तरह…
Added by Dr.Prachi Singh on April 20, 2016 at 3:47pm — 5 Comments
११२१२, ११२१२, ११२१२, ११२१२
मुझे ज़िन्दगी की तलाश है, मुझे ख़्वाब में न मिला करो।
न करो कभी कोई वायदा, जो करो तो फिर न फिरा करो।
वो जो चीर दे कोई पाक दिल, न ही तंज ऐसे कसा करो।
बड़ी मुश्किलों से भरा हो जो, न वो जख़्म फिर से हरा करो।…
Added by Dr.Prachi Singh on April 11, 2016 at 2:48pm — 5 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 6, 2016 at 1:21pm — 4 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 30, 2016 at 11:32am — 6 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 28, 2016 at 1:26pm — 6 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 23, 2016 at 3:00pm — 8 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 21, 2016 at 8:27pm — 2 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 15, 2016 at 12:41pm — 8 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 10, 2016 at 7:46am — 6 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 7, 2016 at 9:53pm — 11 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 3, 2016 at 12:36pm — 9 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on March 1, 2016 at 6:02pm — 7 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on February 28, 2016 at 12:30pm — 7 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on February 23, 2016 at 4:30pm — 18 Comments
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