Added by Samar kabeer on April 9, 2017 at 12:13am — 37 Comments
Added by Samar kabeer on April 6, 2017 at 12:29am — 31 Comments
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
(एक शैर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ नज़र अंदाज़ कर दें)
जो कहूँ जो लिखूँ ओबीओ के लिये
यूँ समर्पित रहूँ ओबीओ के लिये
माँगता हूँ यही आजकल मैं दुआ
जब तलक भी जियूँ ओबीओ के लिये…
Added by Samar kabeer on April 1, 2017 at 2:30pm — 43 Comments
Added by Samar kabeer on December 25, 2016 at 11:00pm — 36 Comments
वागीश्वरी सवैये सूत्र : यगण X 7 + ल गा
अभी तो अकेले चले हैं मियाँ जी ,न कोई वहां है न कोई यहां ।
यहां कौन है जो बताये जहां को,कि बाबू चले हैं अकेले कहां ।
जहाँ जा रहे हैं रहेंगे अकेले,मिलेगा न साथी उन्हें तो वहाँ ।
पता है हमें ख़ूब यारों यक़ीं है, करेगा उन्हें याद सारा जहाँ ।।
_________
निगाहें उठाके ज़रा देख तो लो ,बताओ यहाँ क्यूँ अकेले खड़े ।
हमें ये बता दो बिना बात के ही,भला जान देने यहाँ क्यूँ अड़े।
जहाँ में न कोई हमें तो मिला…
Added by Samar kabeer on December 12, 2016 at 11:30pm — 18 Comments
Added by Samar kabeer on November 2, 2016 at 10:56pm — 16 Comments
Added by Samar kabeer on August 28, 2016 at 12:19am — 26 Comments
कमांडर ऑफ़ चीफ़ - "शाबाश राकेश ! तुम्हारा शौर्य पराक्रम अन्य सैनिकों से अलग है । तुम्हारे शौर्य और पराक्रम में जोश है,दीवानगी है,आक्रोश है । वेल डन ।"
राकेश राणा - "यस सर । देश प्रेम मेरा परम धर्म है । देखना एक दिन मैं इस धर्म को निभाकर दिखाऊँगा । माँ को यही वचन देकर आया हूँ ।"
सीमा पर से गोली बारी शुरू हुई और देखते ही देखते युद्ध छिड़ गया । राकेश राणा अंत समय तक लड़ते लड़ते वीर गति को प्राप्त हो गया ।
तिरंगे में लिपटा ताबूत जैसे ही गाँव पहुँचा ,जन सैलाब उमड़ पड़ा । राकेश राणा की माँ…
Added by Samar kabeer on July 10, 2016 at 12:00pm — 26 Comments
Added by Samar kabeer on June 3, 2016 at 12:00am — 20 Comments
Added by Samar kabeer on May 29, 2016 at 3:00pm — 24 Comments
फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़इलुन/फ़ेलान
ओज पर तुझको देखना है मुझे
पत्र में उसने ये लिखा है मुझे
नस्ल-ए-नव से मदद का तालिब हूँ
बुर्ज नफ़रत का तोड़ना है मुझे
क्या कहूँ ,कब मिलेगा मीठा…
Added by Samar kabeer on May 2, 2016 at 6:30pm — 43 Comments
Added by Samar kabeer on February 8, 2016 at 3:00pm — 30 Comments
Added by Samar kabeer on January 19, 2016 at 1:49pm — 18 Comments
Added by Samar kabeer on January 17, 2016 at 2:21pm — 14 Comments
Added by Samar kabeer on January 11, 2016 at 7:52am — 28 Comments
"आज की रात वह बहुत ख़ुश था,कारण कि सुबह उसे नोकरी मिलने वाली थी,दो साल तक ठोकरें खाने के बाद एक दिन उसने समाचार पत्र में 'माइकल इंटरप्राइसेस' का विज्ञापन देखा,अर्ज़ी दी,इंटरव्यू कॉल आया और उसे इंटरव्यू में सिलेक्ट कर लिया गया,फ़र्म के मालिक मिस्टर माइकल उसकी क़ाबिलियत से बहुत मुतास्सिर हुए,उन्होंने कहा कल अपॉइंटमेंट लैटर मिल जाएगा ।
वह एक छोटे से शह्र का रहने वाला था और उसे बड़े शह्र में नोकरी की तलाश थी,गुज़र बसर के लिये बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था,किराए का एक कमरा उसे रहने के लिये मिल…
Added by Samar kabeer on January 1, 2016 at 11:00pm — 10 Comments
Added by Samar kabeer on December 28, 2015 at 11:02pm — 8 Comments
Added by Samar kabeer on December 21, 2015 at 10:00pm — 16 Comments
Added by Samar kabeer on December 15, 2015 at 10:24pm — 7 Comments
Added by Samar kabeer on December 7, 2015 at 10:48pm — 8 Comments
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