निराशा ने घेरा..
निशा का समय है दिशा में अँधेरा,
अज्ञानता में बसाया है डेरा.
चलता हुआ ठोकरें खा रहा है,
रोना जहाँ पर वहीँ गा रहा…
ContinueAdded by R N Tiwari on March 22, 2011 at 9:07pm — 3 Comments
जो भी किया मैंने बस जीने के लिए ,
लोग कहते हैं जीता हैं पीने के लिए ,
कसम से उनकी बात सत्य हैं यारो ,
मगर दो घूँट जरुरी दर्दे जिगर के लिए ,
दिल में बैठे थे वो मालिक बन कर ,
और छोड़ गए तन्हा मरने के लिए ,
पता हैं मैं क्यों पिए जा रहा हूँ ,
आस लगाये बैठा हूँ बेवफा के लिए ,
वो मिले या न मिले मगर ये दिल ,
तू संभल जा बस गुरु के लिए ,
Added by Rash Bihari Ravi on March 22, 2011 at 4:00pm — No Comments
Added by Veerendra Jain on March 22, 2011 at 11:30am — 5 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 21, 2011 at 6:40pm — 7 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 21, 2011 at 6:39pm — No Comments
Added by Abhinav Arun on March 20, 2011 at 6:30pm — 18 Comments
हर उर भरे रंग हर होली कर संग
(मधु गीति सं. १७३३, दि. २० मार्च, २०११)
हर उर भरे रंग, हर होली कर संग;…
ContinueAdded by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on March 20, 2011 at 1:49pm — 2 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 20, 2011 at 10:24am — No Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 19, 2011 at 11:52pm — 2 Comments
Added by moin shamsi on March 19, 2011 at 9:24pm — No Comments
Added by moin shamsi on March 19, 2011 at 9:23pm — No Comments
Added by राजेश शर्मा on March 19, 2011 at 7:00pm — 5 Comments
'हंसी-ठिठोली', मस्तियों की "टोली"... करें 'अठखेली', बन "हमजोली"...
हर 'साल' की तरह... लो फिर आई "होली"... ... ...…
ContinueAdded by Julie on March 19, 2011 at 6:30pm — 9 Comments
Added by Sudhir Sharma on March 19, 2011 at 5:52pm — 3 Comments
Added by satish mapatpuri on March 19, 2011 at 2:46pm — 5 Comments
Added by Abhinav Arun on March 19, 2011 at 1:30pm — 3 Comments
यूं तो गुज़री हूँ बहुत बार खुद की नज़रों से..
Added by Lata R.Ojha on March 19, 2011 at 1:38am — 5 Comments
Added by Rash Bihari Ravi on March 18, 2011 at 6:09pm — No Comments
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on March 18, 2011 at 12:42pm — 4 Comments
Added by Sujit Kumar Lucky on March 18, 2011 at 9:06am — No Comments
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