समूह का उद्देश्य
लघुकथा प्रेमियों के अनुरोध पर लघुकथा विधा की बारीकियां सीखने और सिखाने के उद्देश्य से ही यह समूह बनाया गया है। "लघुकथा की कक्षा" समूह में लघुकथा विधा से सम्बंधित तमाम छुए-अनछुए पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। यहाँ नवोदित लघुकथाकारों को लघुकथा के मूलभूत नियमों की जानकारी दी जायेगी, इसकी संरचना, रूप एवं शिल्प विधान पर बिन्दुवत चर्चा कर उनकी सभी शंकाओं का निवारण किया जायेगा। अत: रचनाकारों से अनुरोध है कि वे इस विधा से जुडी जो भी जानकारी चाहते हैं, उन्हें खुलकर यहाँ पूछें।
हमारा उद्देश्य है नवांकुरों को एक छत के नीचे एकत्र कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान करना ताकि नवोदित लघुकथाकार इस मंच से प्रशिक्षण प्राप्त कर भविष्य के स्थापित हस्ताक्षर बने, तथा इस विधा एवं ओबीओ परिवार का झंडा हिंदी साहित्य में बुलंद करें ।
लघुकथा विधा से सम्बंधित एक अतिमहत्वपूर्ण एवं पठनीय पोस्ट ओ बी ओ पर प्रकाशित है, सुविधा हेतु लिंक निम्नलिखित है ...
योगराज प्रभाकर
समूह प्रबंधक सह प्रधान सम्पादक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
Started by योगराज प्रभाकर. Last reply by Sheikh Shahzad Usmani Oct 12, 2017.
एक लघुकथाकार जब अपने इर्द गिर्द घटित घटनाओं के नेपथ्य में विसंगतियों या असंवेदनशीलता को अंदर तक महसूस करता है तब लघुकथा लिखने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान वह उस घटना का हर…Continue
Tags: लघुकथा-शिल्प
Started by योगराज प्रभाकर. Last reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') Sep 24, 2017.
यदि मैं यह कहूँ कि आज लघुकथा का युग चल रहा है, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी I आज बहुत से नवोदित रचनाकार इस विधा पर क़लम आज़माई कर रहे हैं I ओबीओ परिवार भी बहुत गंभीरता से नवांकुरों को शिक्षित और…Continue
Started by योगराज प्रभाकर. Last reply by Sheikh Shahzad Usmani Nov 6, 2016.
Comment
आद०योगराज प्रभाकर सर ,नम्र निवेदन सहित पूछना चाहती हूँ कि अभी उपमा शर्मा जी की पोस्टेड लघु कथा "आजादी "पढ़ी.बहुत सुंदर व्यंग्य है ....शिल्प की द्रष्टि से क्या यह लघु कथा पूर्ण है ?आपके उत्तर से मेरे अंदर उठते कई प्रश्न शांत हो जायेंगे .सादर
आ० आशा जुगरान जी एवं हर्ष महाजन जी, आपका हार्दिक स्वागत है।
आद०योगराज प्रभाकर सर ,लघु-कथा की कक्षा में प्रवेश देने के लिए आपका तहेदिल धन्यवाद,लेखन अनाड़ी हूँ ,सीखने की ललक में कटोरा हाथ भिखारी हूँ,श्री-सम्रद्धी, गुरु के द्वार हूँ .....खाली न रहूंगी,इतना विश्वास है.
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी नमस्कार | आपका बहुत आभार मुझे यहाँ लघु कथा क्लास में दाखिला देने के लिए | इस से ज़रूर हमें लाभ मिलेगा | धन्यवाद् !!
भाई वीर मेहता जी, वैसे तो लघुकथा का काम उद्देश्य उपदेश देना नहीं सन्देश देना है। फिर भी उपदेश में यदि कोई सार्थक सन्देश हो तो क्या हर्ज़ है ? हाँ, यदि किसी रचनाकार को ऐसा लगे कि लघुकथा किसी बोधकथा का रूप ले रही है, या फिर पंच लाईन कोरा उपदेश बन रही है तो या तो उसपर दोबारा काम किया जाये अथवा रचना को स्वयं ही निरस्त कर दिया जाये।
जी नहीं आ० नीता कसार जी, अभी लघुकथा रिपेयर वर्कशॉप की कोई योजना नही है।
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