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बड़े लोग कहते रहे, जीतो काम व क्रोध.
पर ये तो आते रहे, जीवन के अवरोध.
माफी मांगो त्वरित ही, हो जाए अहसास.
होगे छोटे तुम नहीं, बिगड़े ना कुछ ख़ास.
क्रोध अगर आ जाय तो, चुप बैठो क्षण आप.
पल दो पल में हो असर, मिट जाएगा ताप .
रोकर देखो ही कभी, मन को मिलता चैन.
बीती बातें भूल जा, त्वरित सुधारो बैन .
(मौलिक व अप्रकाशित)
Posted on February 6, 2019 at 10:50pm — 6 Comments
अँखियों में अँखियाँ डूब गई,
अँखियों में बातें खूब हुई.
जो कह न सके थे अब तक वो,
दिल की ही बातें खूब हुई.
*
हमने न कभी कुछ चाहा था,
दुख हो, कब हमने चाहा था,
सुख में हम रंजिश होते थे,
दुख में भी साथ निबाहा था.
*
ऑंखें दर्पण सी होती है,
अन्दर क्या है कह देती है.
जब आँख मिली हम समझ गए,
बातें अमृत सी होती है.
*
आँखों में सपने होते हैं,
सपने अपने ही होते हैं,
आँखों में डूब जरा…
ContinuePosted on August 22, 2016 at 7:00am — 16 Comments
देश में रहकर मुहब्बत, देश से करते चलो!
देश आगे बढ़ रहा है, तुम भी डग भरते चलो.
.
देश जो कि दब चुका था, आज सर ऊंचा हुआ है,
देश के निर्धन के घर में, गैस का चूल्हा जला है
उज्ज्वला की योजना से, स्वच्छ घर करते चलो.
देश में रहकर............
.
देश भारत का तिरंगा, हर तरफ लहरा रहा,
ऊंची ऊंची चोटियों पर, शान से फहरा रहा,
युगल हाथों से पकड़ अब, कर नमन बढ़ते चलो.
देश में रहकर............
.
देश मेरा हर तरफ से, शांत व आबाद…
ContinuePosted on June 7, 2016 at 8:30am — 18 Comments
मेरे घर के पास है, एक खुला मैदान,
चार दिशा में पेड़ हैं, देते छाया दान
करते क्रीड़ा युवा हैं, मनरंजन भरपूर
कर लेते आराम भी, थक हो जाते चूर
सब्जी वाले भी यहाँ, बेंचे सब्जी साज.
गोभी, पालक, मूलियाँ, सस्ती ले लो आज…
ContinuePosted on November 25, 2015 at 8:30pm — 4 Comments
जन्म दिन की हार्दिक बधाई आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी।
आदरणीय जवाहर जी आपका हार्दिक आभार !
आदरणीय जवाहर जी आपको यहां साथ देखकर मुझे अपार खुशी हुई। आपकी शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार! अपना स्नेह यूं ही बनाए रखिएगा!
सादर!
सादर नमस्कार श्री जवाहर जी.............!!
बहुत बहुत धन्यवाद श्री जवाहर जी ! आपका आशीर्वाद मिला
jawahar bhai sahab, namaskar,
meri kavita pasand karne ke liye dhanyvad...
'click' par click karne se to transliterate ka page khulta hai..kya wahan se copy/paste karna hoga???
हे, मेरे ईश्वर,
हे मेरे परमात्मा,
दे इन्हें सदबुद्धि,
दे इन्हें आत्मा,
न लड़ें, ये खुद से,
कभी धर्म या भाषा के नाम पर,
प्रिय जवाहर जी जय श्री राधे --प्रभु आप के मन की बात सुनें ..सब एकीकृत हों प्यार इस चमन में गूंजे पुरवाई चले प्रेम और स्नेह की
Shri jawahar ji aapne meri kavitayen pasand ki uske liye aabhari hun kirpya isi prakar haunsa badaye.dhanyabad.
aadarniy singh sahab ji , dhanyvad. ye apki mahanta hai.
abhar aapka sneh hetu mahodaya ji. aap to mala ke pendulam hain. shobha aap se hi hai.singh sahab ji.
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