हाँथ तेरे सौंप दी अब जिंदगी की डोर है,
जानके मत तोड़ना तुम दिल जरा कमजोर है,
भूलना है भूल जाना, गैर तुम मुझको समझ,
प्रेम में बंधन नहीं, ताकत न कोई जोर है,…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 27, 2012 at 3:30pm — 6 Comments
आदरणीय श्री अरुण कुमार निगम सर के द्वारा संशोधित की गई कुण्डलिया आप सभी के समक्ष सादर पेश कर रहा हूँ कृपया स्वीकारें .
सोवत जागत हर पिता, करता रहता जाप,
रखना बिटिया को सुखी, हे नारायण आप
हे नारायण आप , कृपा अपनी बरसाना
मिले मान सम्मान,मिले ससुराल सुहाना
बीते जीवन…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 27, 2012 at 11:58am — 10 Comments
यही देश था वीरों की, गाता अद्भुत गाथा,
इसी देश की धरती पे थे, जन्मे स्वयं विधाता,
कभी यहाँ प्रेम -सभ्यता, की भी बात निराली,
आज यहाँ प्रणाम नमस्ते, से आगे है गाली,
इक मसीहा नहीं बचा है, कौन करे रखवाली,
शहरों में तब्दील हो रही, प्रकृति की…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 23, 2012 at 11:43am — 10 Comments
लगी आग जलके, हुआ राख मंजर,
जुबां सुर्ख मेरी, निगाहें सरोवर,
लुटा चैन मेरा, गई नींद मेरी,
मुहब्बत दिखाए, दिनों रात तेवर,
सुबह दोपहर हर घड़ी शाम हरपल,
रही याद तेरी हमेशा धरोहर,…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 21, 2012 at 11:09am — 12 Comments
याद में तेरी जिऊँ, मैं आज में जीता नहीं,
लड़खड़ाते पांव मेरे, जबकि मैं पीता नहीं,
नाज़ नखरे रख रखें हैं, आज भी संभाल के,
मैं नहीं इतिहास फिरभी, सार या गीता नहीं,…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 16, 2012 at 12:59pm — 10 Comments
टूटता ये दिल रहा है जिंदगी भर,
दर्द भी हासिल रहा है जिंदगी भर,
अधमरा हर बार जिन्दा छोड़ देना,
मारता तिल-2 रहा है जिंदगी भर,…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 15, 2012 at 11:07am — 14 Comments
मोटी - मोटी चादर तानी,
फिर भी भीतर घुसकर मानी,
जाड़े की जारी मनमानी,
बूढ़े बाबा की दीवानी,
दादा - दादी,…
ContinueAdded by अरुन 'अनन्त' on December 14, 2012 at 11:24am — 16 Comments
Added by अरुन 'अनन्त' on December 12, 2012 at 6:05pm — 8 Comments
आदरणीय प्राची जी के कहने और भ्राताश्री अम्बरीश जी के द्वारा दिए गए दोहों के नियमों को पालन करते हुए, दोहे लिखने का मेरा प्रथम प्रयास है आप सभी को सादर समर्पित आप सभी के सहयोग की आकांक्षा लिए अरुन शर्मा.
आनन फानन में किया, दोहों का…
ContinueAdded by अरुन 'अनन्त' on December 12, 2012 at 11:05am — 8 Comments
आदरेया प्राची जी के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए मैंने फिर कुछ हाइकु लिखने का प्रयास किया है, आशा करता हूँ की आप सभी मार्गदर्शन करेंगे.
…
ContinueAdded by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 11:00am — 8 Comments
Added by अरुन 'अनन्त' on December 5, 2012 at 3:06pm — 16 Comments
Added by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2012 at 1:26pm — 14 Comments
ओ. बी. ओ. के सभी गुरुजनों, मित्रों एवं पाठकों को मेरा विन्रम प्रणाम. आज ओ. बी. ओ. पर काफी दिनों के बाद मेरा आना हुआ है. और ऐसा महसूस हो रहा है कि एक भूला-भटका राही अपने खुशहाल घर वापस आ गया, जहाँ बड़ों का आशीष है, स्नेह है, सहयोग है और कदम- 2 पर साथ है. हाइकु लिखने की पहली कोशिश है मालुम नहीं ठीक है या गलत, आशा करता हूँ कि आप सब मार्गदर्शन अवश्य करेंगे.
सादर
अरुन शर्मा
पराया धन
बढ़ाता परेशानी
मन में चिंता
बुरी नज़र
जलाती तिल…
Added by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2012 at 11:30am — 12 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |