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लघुकथा की कक्षा

Information

लघुकथा की कक्षा

समूह का उद्देश्य : लघुकथा विधा और उसकी बारीकियों पर चर्चा.

समूह प्रबंधक : श्री योगराज प्रभाकर

Members: 91
Latest Activity: Oct 5, 2020

समूह का उद्देश्य
लघुकथा प्रेमियों के अनुरोध पर लघुकथा विधा की बारीकियां सीखने और सिखाने के उद्देश्य से ही यह समूह बनाया गया है। "लघुकथा की कक्षा" समूह में लघुकथा विधा से सम्बंधित तमाम छुए-अनछुए पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। यहाँ नवोदित लघुकथाकारों को लघुकथा के मूलभूत नियमों की जानकारी दी जायेगी, इसकी संरचना, रूप एवं शिल्प विधान पर बिन्दुवत चर्चा कर उनकी सभी शंकाओं का निवारण किया जायेगा। अत: रचनाकारों से अनुरोध है कि वे इस विधा से जुडी जो भी जानकारी चाहते हैं, उन्हें खुलकर यहाँ पूछें।

हमारा उद्देश्य है नवांकुरों को एक छत के नीचे एकत्र कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान करना ताकि नवोदित लघुकथाकार इस मंच से प्रशिक्षण प्राप्त कर भविष्य के स्थापित हस्ताक्षर बने, तथा इस विधा एवं ओबीओ परिवार का झंडा हिंदी साहित्य में बुलंद करें । 

लघुकथा विधा से सम्बंधित एक अतिमहत्वपूर्ण एवं पठनीय पोस्ट ओ बी ओ पर प्रकाशित है, सुविधा हेतु लिंक निम्नलिखित है ...

लघुकथा विधा : तेवर और कलेवर

योगराज प्रभाकर 

समूह प्रबंधक सह प्रधान सम्पादक

ओपन बुक्स ऑनलाइन

Discussion Forum

लघुकथा लेखन प्रक्रिया 82 Replies

एक लघुकथाकार जब अपने इर्द गिर्द घटित घटनाओं के नेपथ्य में विसंगतियों या असंवेदनशीलता को अंदर तक महसूस करता है तब लघुकथा लिखने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान वह उस घटना का हर…Continue

Tags: लघुकथा-शिल्प

Started by योगराज प्रभाकर. Last reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') Sep 24, 2017.

लघुकथाकारों के ध्यान योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें 29 Replies

यदि मैं यह कहूँ कि आज लघुकथा का युग चल रहा है, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी I आज बहुत से नवोदित रचनाकार इस विधा पर क़लम आज़माई कर रहे हैं I ओबीओ परिवार भी बहुत गंभीरता से नवांकुरों को शिक्षित और…Continue

Started by योगराज प्रभाकर. Last reply by Sheikh Shahzad Usmani Nov 6, 2016.

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Comment by Mamta on August 12, 2015 at 3:46pm
आदरणीय योगराज जी सादर प्रणाम।
बहुत -बहुत धन्यवाद कि आपने अपनी कक्षा में दाखिला दिया। मुझे लगता है मुझ जैसे विद्यार्थी को आपकी कक्षा की बहुत अधिक आवश्यकता है। और सर अपने अमूल्य समय में से समय निकाल हमें मार्गदर्शन देने हेतु बडा सा धन्यवाद स्वीकार करें।
सादर ममता
Comment by asha jugran on August 12, 2015 at 12:11am

आद०योगराज प्रभाकर सर ,नम्र निवेदन सहित पूछना चाहती हूँ कि अभी उपमा शर्मा जी की पोस्टेड लघु कथा "आजादी "पढ़ी.बहुत सुंदर व्यंग्य है ....शिल्प की द्रष्टि से क्या यह लघु कथा पूर्ण है ?आपके उत्तर से मेरे अंदर उठते कई प्रश्न शांत हो जायेंगे .सादर 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on August 5, 2015 at 9:30am

आ० आशा जुगरान जी एवं हर्ष महाजन जी, आपका हार्दिक स्वागत है।

Comment by asha jugran on August 5, 2015 at 12:02am

आद०योगराज प्रभाकर सर ,लघु-कथा की कक्षा में प्रवेश देने के लिए आपका तहेदिल धन्यवाद,लेखन अनाड़ी हूँ ,सीखने की ललक में कटोरा हाथ भिखारी हूँ,श्री-सम्रद्धी, गुरु के द्वार हूँ .....खाली न रहूंगी,इतना विश्वास है.

Comment by Harash Mahajan on August 4, 2015 at 11:05am

आदरणीय योगराज प्रभाकर जी नमस्कार | आपका बहुत आभार मुझे यहाँ लघु कथा क्लास में दाखिला देने के लिए | इस से ज़रूर हमें लाभ मिलेगा | धन्यवाद् !!

Comment by kanta roy on July 29, 2015 at 6:25pm
आदरणीय वीर मेहता जी यह प्रश्न आपका बेहद ही सार्थक हुआ है. ऐसा अक्सर ही हो जाता है कि सकारात्मक अंत कथा को देते समय वो बोध कथा की ओर संभावित रूख पकड लेता है. सर जी के जबाब ने फिर से एक संशय ग्रंथि को खोल कर लेखन में एक नई सोच नई दृष्टि दी है. हमें उम्मीद है कि हम अब और सार्थक रचना की तरफ एक कदम और आगे बढेंगे. नमन श्री
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on July 19, 2015 at 7:37pm
आदरणीय योगराज सरजी द्वुविधा के निवारण के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद। आशा है आपके उत्तर से मेरा ही नही और भी जिज्ञासुओ की जिज्ञासा शांत हुयी होगी।

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on July 19, 2015 at 7:11pm

भाई वीर मेहता जी, वैसे तो लघुकथा का काम  उद्देश्य उपदेश देना नहीं सन्देश देना है। फिर भी उपदेश में यदि कोई सार्थक सन्देश हो तो क्या हर्ज़ है ? हाँ, यदि किसी रचनाकार को ऐसा लगे कि लघुकथा किसी बोधकथा का रूप ले रही है, या फिर पंच लाईन कोरा उपदेश बन रही है तो या तो उसपर दोबारा काम किया जाये अथवा रचना को स्वयं ही निरस्त कर दिया जाये। 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on July 19, 2015 at 6:57pm

जी नहीं आ० नीता कसार जी, अभी लघुकथा रिपेयर वर्कशॉप की कोई योजना नही है। 

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on July 19, 2015 at 10:45am
मै इस मंच के माध्यम से गुणीजनो के समक्ष अपने मन की एक द्वुविधा रखना चाहता हूँ, आशा है कुछ समाधान अवश्य मिलेगा।
जब हम किसी कथा का अंत नकारत्मक पंच के साथ करते है तो एक साधारण सा पंच भी कथा को प्रभावी बना देता है लेकिन सकारत्मक अंत करते समय पंच लाईन अक्सर एक उपदेश सा लगने लगती है और कथा निष्प्रभावी नजर आने लगती है। इसे कैसे प्रभावी मगर उपदेश कथा बनने से बचाया जाये।
 
 
 

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