Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on March 8, 2011 at 8:30am — 4 Comments
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला अंतर्गत ग्राम नरियरा में स्थापित किए जा रहे 36 सौ मेगावाट के केएसके महानदी पावर प्लांट का जैसे लगता है, विवादों से ही नाता है। अतिरिक्त मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर कुछ दिनों पहले हुई किसानों की भूख-हड़ताल तथा धरना-प्रदर्शन का विवाद जैसे-तैसे थम पाया था, उसके बाद अब रोगदा बांध को बेचे जाने के मामले विधानसभा में गूंज उठा। हालात यहां तक बन गए कि विपक्षी पार्टी के विधायकों को विधानसभा में हंगामा करना पड़ा और कार्रवाई तक स्थगित करनी पड़ी। अंततः पांच सदस्यीय समिति…
ContinueAdded by rajkumar sahu on March 8, 2011 at 1:50am — No Comments
Added by rajkumar sahu on March 8, 2011 at 1:14am — No Comments
Added by neeraj tripathi on March 7, 2011 at 5:48pm — 12 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 7, 2011 at 5:39pm — 2 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 7, 2011 at 5:38pm — 2 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 7, 2011 at 5:30pm — 3 Comments
" ARUNA shanbhag " -A most sorrowful story in the world
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किस लिए मासूम रूहों को तड़पने की सज़ा...
अपने बंदों की ख़ुशी से क्यूँ जला करता है तू...
मुंसिफ़े-तक़दीर मिल जाएगा तो पूछेंगे हम...
किस बिना पे…
Added by Dinesh Choubey on March 7, 2011 at 5:00pm — 1 Comment
8 मार्च -अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
जंग ए आजादी के दौर में राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त ने आंख के आंसूओं में अपनी कलम डूबाकर इन पंक्तियों की रचना की थी
अबला जीवन तेरी हाय यही कहानी !
आंचल में है दूध और आंखों में पानी
आज़ादी के दौर में यह कहानी बहुत कुछ बदल चुकी है। देश की महिलाएं सातवें आसमान में देश का झंडा गाड़कर कल्पना चावला बन रही हैं। किरन बेदी बनकर अपराधियों से लोहा ले रही हैं। अरुणा राय और मेधा…
ContinueAdded by prabhat kumar roy on March 7, 2011 at 7:00am — No Comments
Added by rajkumar sahu on March 7, 2011 at 12:46am — No Comments
तुमसे कितना प्यार किया ऐ कभी समझा नहीं
तुम्हारे न आने पर हम कितने उदास होते थे
तुम्हें हम कितना याद करते थे,
आपने ओ कभी महसूस नहीं किया
आप पे हमने कितना…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 8:00pm — No Comments
कहावत है की प्यार जहाँ, दर्द, वहाँ , आखिर ऐसा क्यूँ ?
प्यार, दर्द, एहसास, सच और झूठ सब मिलकर ' छुपा -छुपी ' का खेल खेलने का फैसला किया ! और जैसे ही दर्द ने छुपाने को कहा सब अपने-अपने जगह छुप गए, फिर दर्द ने गिनती सुरु की और सब पकडे भी गए, पर प्यार पकड़ा नहीं गया, क्यूंकि प्यार गुलाब की झाड़ियों में जा छुपा था, सब ने मिलकर प्यार को खोज निकाला, फिर दर्द ने प्यार को खीचा, गुलाब की झाड़ियों में छुपे होने से दर्द को जोर लगाकर खीचने से गुलाब के कांटे प्यार की…
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 7:30pm — No Comments
अभिराजभी..................................
तुम्हारा चेहरा जब आँखों के सामने होता है
जो कभी मेरे इस ह्रदय के राजदार थे
आज तेरे वियोग में ह्रदय मेर तड़पता है
तेरे ओ वादे इरादे तेरी ओ कसमे
आज मेरे ह्रदय के यादगार है,
गलत मै हूँ जो तुम्हें भुला न सका
तुम तो किये लाख बहाने
दिल लगाने से पहले तैयार थी
तुम्हारी…
ContinueAdded by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 12:53pm — No Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 12:00pm — No Comments
Added by arvind yogi on March 5, 2011 at 11:43pm — 3 Comments
Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 5, 2011 at 5:00pm — No Comments
Added by rashmi prabha on March 5, 2011 at 3:38pm — 1 Comment
Added by ASHVANI KUMAR SHARMA on March 5, 2011 at 10:55am — 5 Comments
पाषाण समाज के सीने पे पडी नन्ही अश्रु की बूँद गाती है अनसुना गीत ,सुनाती है अजन्मी कहानी .|
उसकी गिरेबां को पकडे रोती ,बिलखती , कोसती, झकझोरती , सवाल करती , पता पूछती हैं उस भ्रूण हत्यारे का|
फिर सहसा आंसू पोछती .सोचती कहती की अच्छा हुआ जन्म से पहले मिटा दी गयी पैदा होती तो जाने क्या हश्र होता |…
Added by Anand Vats on March 5, 2011 at 10:21am — 3 Comments
बहुत मुमकिन है ख़्वाबों को हकीकत नाम मिल जाए
Added by Lata R.Ojha on March 5, 2011 at 9:03am — 2 Comments
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