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बाल साहित्य

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बाल साहित्य

यहाँ पर बाल साहित्य लिखा जा सकता है |

Location: World
Members: 171
Latest Activity: Sep 28, 2023

इस समूह में सभी रचनाकारों द्वारा बाल साहित्य के साथ-साथ ही, बच्चों द्वारा रचित कवितायेँ, कहानियाँ और चित्र भी सादर आमंत्रित है.

Discussion Forum

सोमू का संकल्प (बाल-कथा)

सोमू तड़के ही उठ गया था। वैसे तो वह रोज ही सूरज उगने के पहले उठ जाता था, अपने नित्यकार्य से निवृत्त होकर स्कूल जाता था। पर आज तो छुट्टी थी, और छुट्टी के दिन उसकी सुबह की दिनचर्या कुछ अलग होती थी। वह अपने दोस्तों के साथ हाथ में कुछ खाली बोरियों को…Continue

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़') Sep 28, 2023.

कुकुभ छन्द,बादल दादा-दादी जैसे

बाल-कविताश्वेत,सुनहरे,काले बादल,आसमान पर उड़ते हैं।दादा-दादी के केशों से,मुझे दिखाई पड़ते हैं।।मन करता बादल मुट्ठी में,भरकर अपने सहलाऊँ।दादी के केशों से खेलूँ, सुख सारा ही पा जाऊँ।।रिमझिम बरसा जब करते घन,नभ पर नाच रहे मानो।दादी मेरी पूजा करके,जल…Continue

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" Jun 4, 2021.

करो उजागर प्रतिभा अपनी

प्रतिभा छुपी हुई है सबमें,करो उजागर,अथाह ज्ञान,गुण, शौर्य समाहित,तुम हो सागर।डरकर,छुपकर,बन संकोची,रहते क्यूँ हो?मन पर निर्बलता की चोटें,सहते क्यूँ हो?तिमिर चीर रवि द्योत धरा पर ले आता है।अंधकार से डरकर क्यूँ नहीं छिप जाता है?पराक्रमी राहों को सुलभ…Continue

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" May 31, 2021.

#लावणी छन्द,पर्यायवाची शब्द याद करने का आसान उपाय 1 Reply

फूल,कुसुम या पुष्प,सुमन हो,चन्दन,मलयज,मलयोद्भव।आराधन,पूजा,उपासना,कृष्ण,मुरारी,मधु,माधव।कृपा,दया,अनुग्रह,करुणा की,चाह,कामना,अभिलाषा।अम्बा,दुर्गा,देवी,मैया,सरस्वती,वाणी,भाषा।लक्ष्मी,कमला,रमा,मंगला,गणपति,शिवसुत भी आओ,आंजनेय,बजरंगबली,हनु,धन,दौलत,संपत्ति …Continue

Tags: करवाने, याद, आसानी, हेतु, रचना

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप". Last reply by अजय गुप्ता 'अजेय Mar 13, 2023.

अब मै नहीं चिढूंगा 3 Replies

बाल कहानी*अब मैं नहीं चिढूंगा*.. डॉ सोमनाथ यादव "सोम"आज फिर कक्षा मेंसहपाठियों ने अनिल की हंसी उड़ाई,अनिल का कसूर इतना ही था कि आज वह पिकनिक पर जाने के लिए रुपए जमा नहीं कर सका और एक बार फिर जमा कर देने के लिए कहा गया,अनिल को आज बड़ा बुरा लगा,अपने…Continue

Started by dr. somnath yadav. Last reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' Dec 24, 2020.

अनूठा जन्मदिन ( बाल कहानी ) 1 Reply

अनूठा जन्मदिन ***************पाखी आज बहुत खुश थी । स्कूल से आई और बैग एक ओर पटककर सीधे रसोई में जाकर चिल्लाई - " माँ ... माँ ..." " क्या हुआ , इतनी क्यों चहक रही है ? माँ ने मुस्कुराते हुए पूछा । " माँ , आज मेरी कक्षा के एक मित्र विभु का जन्मदिन है…Continue

Started by shashi bansal goyal. Last reply by आशीष यादव Aug 17, 2020.

चुन्नी की बाजीजान (बाल-कविता)

कबूतर बाजी आ गईंबालकनी पर बैठ गईं।लू-लपटें चल रहींआसरा वो ढूंढ रहीं।कबूतर बाजी अंदर आईंफ्लैट पूरा जब घूम आईं।मिला न कोई अड्डा मन कापंखों से था ख़तरा तन का।कौने में दुबक कर बैठ गईंजैसे-तैसे प्राण बचा पाईं।चुन्नी ने पंखे ऑफ़ कियेकबूतरनी के फोटो…Continue

Tags: लू-लपट, पक्षी, कबूतर, कबूतरनी, बाल-कविता

Started by Sheikh Shahzad Usmani Jun 3, 2019.

'अब तुम्हारे हवाले ... बहिनों' ( संस्मरण)

उन दोनों की मैं बहुत शुक्रगुजार हूं। बताऊं क्यूं? क्योंकि इस बार के गणतंत्र दिवस में उन दोनों ने मुझे भी अपने साथ शामिल कर ही लिया। जिस तरह उन दोनों को सजाया-संवारा गया, राष्ट्रीय ध्वज से गौरवान्वित किया गया; उसी तरह मुझे भी! उन दोनों को गुड्डू ही…Continue

Tags: बाल-संस्मरण, बाल-साहित्य, संस्मरण

Started by Sheikh Shahzad Usmani Jan 20, 2019.

जुगत (बाल-लघुकथा/बाल-कहानी) 1 Reply

गुड्डू, गोविंद और गोपी तीनों अलग अलग कक्षाओं के थे और तीनों दोस्त भी नहीं थे। स्कूल में आज फिर वे तीनों न तो मध्यान्ह अवकाश में अपना मनपसंद गेम खेल पाये थे और न ही इस समय खेल के पीरियड में उन्हें उनकी कक्षा के साथियों ने अपने साथ किसी खेल में शामिल…Continue

Tags: बाल-कहानी, बाल-लघुकथा, लघुकथा

Started by Sheikh Shahzad Usmani. Last reply by Deepak Sharma Kuluvi May 12, 2020.

बाल कविता 2 Replies

फूल खिले जो बगिया मेंवह कितने सुन्दर लगते हैंलाल ,गुलाबी,नीले,पीलेमन खुशियों से भरते हैंतितली उड़ती रंग-बिरंगीफूलों पर है इधर-उधरभँवरे भी गुँजन करतेउन पर मंडराने लगते हैंचूँ-चूँ करती चिड़ियाँ भीआकर डाली पर खेल रहींइस डाली से उस डाली परउड़ कर झूला झूल…Continue

Started by Usha Awasthi. Last reply by Sheikh Shahzad Usmani Dec 29, 2018.

 
 
 

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आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
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मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
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" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
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मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
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मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
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